व्याकरण किसे कहते हैं – Vyakaran Kise Kahate Hain

Rahul Yadav

जीतनी सरल और स्पष्ट हमारी हिंदी भाषा है, शायद ही उतनी सरल व स्पष्ट और कोई भाषा होगी। लेकिन उन्हे समझने के लिए सबसे पहले उसके आधार यानी की हिंदी व्याकरण को समझाना और जानना बहुत ज़रूरी है क्योंकि तब ही आप हिंदी भाषा बोल व लिख व समझ सकते हैं। छात्र जब भी हिंदी विषय पढ़ना और लिखना सीखते हैं तो उन्हें सबसे पहले हिंदी व्याकरण की ही शिक्षा दी जाती है ताकि वह हिंदी भाषा को अच्छी तरह से समझ सके। लेकिन उसके बावजूद आज कई ऐसे छात्र है जो हिंदी व्याकरण के विषय में बिल्कुल अच्छे नही है। इसलिए हमने सोचा की क्यूँ ना आज इस लेख के ज़रिए हम आपको  व्याकरण क्या  हैं और इसके कितने भेद हैं इसकी  सारी जानकारी प्रदान करें। ताकि आपको भी व्याकरण का अच्छा ज्ञान प्राप्त हो सके।

व्याकरण किसे कहते हैं

जब भी हम कोई विषय को लिखना पढ़ना या बोलना सीखते हैं तो हमें विभिन्न तरह के नियमों का पालन करना होता है उसी तरह हिंदी भाषा भी सीखने से पहले हमें कुछ नियमों का पालन करना होता है और हम जिन नियमों का पालन करते है उसे ही व्याकरण कहा जाता है तथा इन नियमों का पालन करके ही हम हिंदी भाषा को लिखने और बोलने की प्रक्रियाओं को और बेहतर कर पाते हैं। हिंदी भाषा सीखने के लिए सबसे ज़रूरी है, व्याकरण सीखना। लेकिन यदि लोगों को व्याकरण की जानकारी ना हो, तो वे हिंदी भाषा में अच्छी पकड़ नहीं रख सकते है।

व्याकरण के कीतने भेद होते है

किसी भी भाषा में वाक्य सबसे महत्वपूर्ण होते है क्योंकि वाक्य से ही लोगों की मनोदशा और उनकी भावना इत्यादि व्यक्त होती है इसी प्रकार हिंदी भाषा में भी वाक्य उसे कहते हैं जो कई तरह के शब्दों के संजोग से बनते हैं या यूँ कहे तो कई वर्णों के मेल से पहले शब्द बनते हैं और फ़ीर वाक्य।

ऊपर बताए गए कुछ बातों को मध्य नजर रखते हुए व्याकरण के चार भेद हैं।

1 . वर्ण विचार

2 . शब्द विचार

3 . वाक्य विचार

4 . पद विचार

वर्ण विचार

हिंदी भाषा की सबसे सबसे छोटी इकाई को वर्ण कहा जाता है।  इसका मतलब यह है कि वर्ण को और ज्यादा टुकड़े में तोड़कर नहीं लिखा जा सकता है यानी की उनका कोई अर्थ नही होता है वे केवल एक अक्क्षर होते है,  जैसे क, ख, ग, आदी। हालांकि हम जानते हैं, कि हिंदी भाषा में 52 वर्णों की वर्णमाला होती है जिसे हिंदी भाषा का आधार माना जाता है और सबसे ज़रूरी बात की हिंदी भाषा को समझने व सीखने के लिए सबसे पहले वर्णमाला को सीखना और समझना जरूरी है।

शब्द विचार

व्याकरण का दूसरा पहलू है शब्द जिसे हिंदी भाषा का दुसरा खण्ड माना जाता है। यानी कि जब दो या दो से ज़्यादा वर्ण  एक दुसरे जुडते हैं, तो उन शब्दों का कोई अर्थ निकल कर सामने आता है जिन्हे ही शब्द कहा जाता है। जैसे कमल, मकान, अजगर आदी। उदाहरणस्वरुप क + म + ल यहां तीन वर्ण एक दुसरे से जुडकर एक शब्द यानी कमल बना रहे हैं।

व्याकरण में शब्दों को दो भागों में बांटा गया है

1 ) विकारी

2 ) अविकारी

विकारी शब्द

विकारी शब्द उसे कहते हैं जिनका प्रयोग वाक्य में करने से उनका अर्थ और रुप दोनो बदल जाता है। उदाहरण स्वरुप लड़का एक विकारी शब्द है जिसे यदि वाक्य में जोड़ा जाए तो उसका अर्थ और रुप  दोनों ही बदल जाएगा जैसे कि शाम एक अच्छा लड़का है इसे हम  कुछ इस तरह से भी लिख सकते हैं इस गांव के लड़के अन्धविश्वासी है।

 उपर दिए गए दोनों वाक्यों में लड़का शब्द को दो तरीके से  लिखा गया है हम इसे यह भी कह सकते हैं, कि लड़का शब्द के दो रूप है लड़का और लड़के

चार अलग भागों में विकारी शब्द को बांटा गया है जैसे,

1 . संज्ञा 

2 . सर्वनाम

3 . विशेषण

4 . क्रिया

अविकारी शब्द

अविकारी शब्द उसे कहते हैं जिसका प्रयोग वाक्य में करने से उनका अर्थ और रुप कुछ भी नहीं बदलता है, उदाहरण के लिए कुछ एक अविकारी शब्द है जिसे हम वाक्य में प्रयोग करें तो इसे हम इस तरह लिख सकते है। राधा कुछ सेब लेकर आई हो  लेकिन अगर हम इसे दूसरे तरीके से लिखे तब भी हम इसे इस तरह लिखगे जैसे प्रिया तुम कुछ सेब लेकर कहां जा रही हो

ऊपर दोनों वाक्यों में कुछ शब्द का प्रयोग किया गया है। लेकिन ध्यान रहे वाक्य बदल गए लेकिन अविकारी शब्द बदलकर नहीं लिखा जा सका। ऐसे ही शब्दों को जिसे किसी भी वाक्य में इस्तेमाल किया  जाए लेकिन उसका रूप नहीं बदलता तो उसे अविकारी शब्द कहते है।

अविकारी शब्द के 4 भेद होते हैं

1 . क्रिया-विशेषण

2 . संबंधबोधक

3 . समुच्चयबोधक

4 . विस्मयादिबोधक

पद विचार

जब भी वाक्य में किसी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है तब उस शब्द को पद मिल जाते हैं जैसे कि लड़की चल  रही है लड़का दौड़ रहा है

 उपर बताए गए वाक्यों में लड़की और लड़का शब्द एक पुलिंग स्त्रीलिंग और संज्ञा है।

वाक्य विचार

जब विभिन्न शब्दों के समूह एक दुसरे से जुडकर  कोई सार्थक अर्थ बनाते है, तो उन्हें वाक्य कहा जाता है जैसे राम पढ रहा है।  सीता खा रही है।

ऊपर दिए वाक्यो मे  एक से ज़्यादा शब्द जुडकर एक नया अर्थ यानी की वाक्य बना रहे हैं उन्हें ही वाक्य विचार कहते है।

व्याकरण में वाक्य को तीन भेद है

1 ) साधारण वाक्य

2 )  संयुक्त वाक्य

3 ) मिश्रित वाक्य

साधारण वाक्य

वैसे वाक्य जिनमें  वाक्य का विवरण स्पष्ट होता हैं तथा  कर्ता मुख्य भुमिका में होते हैं उन्हे साधरण वाक्य कहा जाया है। जैसे की राम किर्केट खेल रहा है, शाम खा  रहा है।

ऊपर दिए गए वाक्य में राम और शाम दोनों कर्ता है जिन पर पूरा वाक्य टिका हुआ है।

संयुक्त वाक्य

जहां दो वाक्य आपस में जुडकर एक नया  वाक्य बनाते हैं उन्हें संयुक्त वाक्य कहते है संयुक्त वाक्य में कोई मुख्य कर्ता नहीं होता है जैसे कि सीमा मैच देख रही है और शाम खेल रहा है।

 ऊपर दिए वाक्यों  में दो अलग-अलग वाक्य आपस में जुडकर  एक सरल वाक्य बना रहे हैं लेकिन इन दोनों ही वाक्यों में कर्ता भिन्न-भिन्न  है।

मिश्रित वाक्य

मिश्रित वाक्य में एक प्रधान वाक्य होता है और दूसरा उपवाक्य होता है जो कि हमेशा प्रधान वाक्य के ऊपर ही निर्भर करता है जैसे कि राम स्कूल से आया और खेलने चला गया। शाम घर आते ही खाना खाने बैठ गया

 ऊपर दिए गए  दोनों वाक्यो में पहला वाक्य प्रधान वाक्य है तथा दूसरा उपवाक्य जो कि प्रधान वाक्य के कर्ता पर निर्भर करता है।

निष्कर्ष

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आज का यह लेख व्याकरण किसे कहते हैं फायदेमंद लगा होगा  और यदि आपको आज का यह लेख पसंद आया तो ऐसे सोशल मीडिया और अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को व्याकरण के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके इसके अलावा यदि आपको इससे संबंधी कोई सवाल पूछने हैं तो नीचे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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Rahul Yadav is a Digital Marketer based out of New Delhi, India. I have built highly qualified, sustainable organic traffic channels, which continue to generate over millions visitors a year. More About ME

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