आज हम जानेंगे कि विशेषण किसे कहते हैं। तथा इसके कितने भेद होते हैं। इस पोस्ट में आपको विशेषण से सम्बंधित सभी प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे
विशेषण किसे कहते है?
विशेषण को जानने से पहले हमें जानना जरूरी है कि संज्ञा और सर्वनाम किसे कहते हैं और इसका विशेषण से क्या संबंध है। तभी हम विशेषण को ठीक तरह से समझ पाएंगे।
संज्ञा :- किसी वस्तु स्थान या व्यक्ति के नाम का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं। जैसे:- पुस्तक, आगरा, सुरेश आदि
सर्वनाम:- इसी तरह संज्ञा के शब्द की जगह इस्तेमाल होने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं जैसे :- यह, वह, तुम आदि
विशेषण :- वह शब्द जो संज्ञा और सर्वनाम दोनों शब्दों की विशेषताओ का बोध कराते हो उसे विशेषण कहते हैं। जैसे
1. टोपी लाल है।
2. ताजमहल सफ़ेद है।
3. धरती गोल है।
4. पुस्तक सुन्दर है।
उपरोक्त वाक्यों में लाल, सफेद, गोल, सुंदर शब्दों का संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने के लिए किया गया है। इन शब्दों को ही विशेषण कहा जाता है। और जिन शब्दों की विशेषता बताई गई है उन शब्दों को विशेष्य कहा जाता है। विशेषण अलग-अलग प्रकार के होते हैं। आइए अब जानते हैं कि विशेषण के कितने भेद हैं।
विशेषण के भेद
मुख्य रूप से विशेषण के चार भेद होते हैं।
1.) गुणवाचक विशेषण
2.) संख्यावाचक विशेषण
3.) परिमाणवाचक विशेषण
4.) सार्वनामिक विशेषण
गुणवाचक विशेषण
किसी भी संज्ञा या सर्वनाम का गुण बताने वाले शब्द गुणवाचक विशेषण कहां जाता है जैसे आसान शब्दों में कहा जाए तो ऐसा शब्द जो किसी शब्द संज्ञा या सर्वनाम का गुण दर्शाता है उसे गुणवाचक विशेषण कहते है जैसे :- खूबसूरत, प्यारा, कोमल आदि। गुणवाचक विशेषण को 6 भागों में बांटा जाता है।
1.) गुणवाचक विशेषण:- जिन शब्दों से किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण का पता चलता है जैसे अच्छा, मीठा, सुंदर आदि
2.) दोष वाचक विशेषण :- इन शब्दों से किसी संज्ञा या सर्वनाम के दोष का पता चलता है उसे दोष वाचक विशेषण कहते हैं जैसेेेेे गंदा,बुरा, भयंकर आदि।
3.) रंग :- जिन शब्दों से किसी संज्ञा या सर्वनाम के रंग का पता चलता है जैसे :- काला, पीला, नीला आदि।
4.) आकर :- जिन शब्दों से किसी संज्ञा या सर्वनाम के आकार का पता चलता है जैसे:- लंबा, छोटा, बड़ा, पतला।
5.) अवस्था :- जिन शब्दों से किसी संज्ञा या सर्वनाम की अवस्था का पता चलता है जैसे :- घायल, स्वस्थ, बीमार आदि।
6.) स्थान :- जिन शब्दों से किसी संज्ञा या सर्वनाम के स्थान का पता चलता है जैसे :- भारतीय, पंजाबी, मराठी आदि।
संख्यावाचक विशेषण:-
जिन शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का पता चलता है उसमें संख्या वाचक विशेषण कहते हैं जैसे :-
1. एक आदमी
2. दो कलाकार
3. तीन दृश्य
ऊपर दिए गए शब्दों में एक दो और तीन से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का पता चलता है इसे ही संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। संख्यावाचक विशेषण को दो भागों में बांटा गया है।
- निश्चित संख्यावाचक
- अनिश्चित संख्यावाचक
निश्चित संख्यावाचक विशेषण
जिन शब्दों से किसी सीमित या निश्चित संख्या का बोध होता है उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं जैसे :- तीन, दो, पहला, दूसरा, दो दर्जन, आदि
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
जिन शब्दों से और अनिश्चित संख्या का बोध होता है यानि इन शब्दों से किसी निश्चित संख्या का पता नहीं चलता उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं जैसे :- कई, काफ़ी, अधिक, थोड़ा आदि
परिमाण वाचक विशेषण
जिन शब्दों से किसी संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा या तोल का बोध होता है उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं जैसे :- 10 किलो, 2 लीटर, 5 पैकेट आदि।
परिमाणवाचक विशेषण को भी दो भागों में बांटा गया है
- निश्चित परिमाणवाचक
- अनिश्चित परिमाणवाचक
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
जिन शब्दों से किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का पता चलता है यानि निश्चित मात्रा या तोल का पता चलता है उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं जैसे:- 5 किलो, 10 क्विंटल, 100 ग्राम आदि
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
जिन शब्दों से किसी संख्या या सर्वनाम के अनिश्चित परिमाण का पता चलता है यानि आनिश्चित मात्रा का पता चलता है जैसे :- इतना, उतना बहुत, अधिक, ज़्यादा आदि
सर्वनामिक विशेषण
ऐसे शब्द जो सर्वनाम है तथा विशेषण के रूप में भी प्रयोग किए जाते हैं उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। यानि कि ऐसे शब्द जो सर्वनाम होने के साथ-साथ विशेषण का भी कार्य करते हैं जैसे:-
सर्वनाम
1. वह खेल रहा है।
2. इसे लें जाओ
3. कोई खा रहा है।
विशेषण
1. वह पतंग उड़ रही है
2. यह घर देखो
3. कोई बकरी घास खा रही है।
साधित सार्वनामिक विशेषण
ऐसे सर्वनामिक विशेषण जो किसी मूल सर्वनाम शब्दों से बनाए जाते हैं उन्हें ही साधित सर्वनामिक विशेषण कहां गया है जैसे :- यह से ऐसा, वह से वैसा, कौन से कैसा आदि।
विशेषण की 3 अवस्थाएं होती है।
1. मूल अवस्था
2. उत्तर अवस्था
3. उत्तम अवस्था
मूल अवस्था
जिन विशेषण शब्दों से किसी भी एक व्यक्ति वस्तु या स्थान के गुण या दोषों का बोध होता है उस विशेषण को मूल अवस्था कहते हैं। जैसे :- अच्छा, सुंदर, मीठा, प्यारा आदि।
1.राहुल अच्छा लड़का है।
2. बिना बहुत सुंदर है।
3. आम बहुत मीठा है।
उत्तर अवस्था
जिन विशेषण शब्दों से किसी की अवस्था से अधिकता बताई जाती है यानी की तुलना की जाती है उसे उत्तरावस्था कहते हैं। जैसे :- ज्यादा सहनशील, अधिक ताकतवर, आदि
1. सीमा रीना से ज्यादा सहनशील है।
2. तुम मुझसे अधिक ताकतवर हो।
उत्तम अवस्था
विशेषण के वह शब्द जिसके माध्यम से किसी एक दूसरे से तुलना करते समय उसकी अधिक विशेषता का बोध कराया जाता है तो उत्तम अवस्था विशेषण कहते हैं जैसे :-
1. में सबसे अधिक बहादुर हूं,
2. रानी सबसे ज्यादा धनी है,
3. गंगा भारत की सबसे बड़ी नदी है।
विशेषण से संबंधित कुछ जरूरी बातें
1. जिन शब्दों से संज्ञा सर्वनाम की विशेषता पता चलता है उसे रिजेक्शन कहते हैं।
2. विशेषण का मुख्य रूप से चार भागों में बांटा गया है।
3. विशेषण को तीन अवस्था में बांटा गया है।
निष्कर्ष
आज की पोस्ट में हमने सीखा विशेषण किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार के होते हैं। यदि आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले। यदि आप विशेषण से संबंधित कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। इस पोस्ट में आपके विशेषण से संबंधित सभी प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश की गई है।