उर्दू भाषा की लिपि क्या है | Urdu Bhasha Ki Lipi Kya Hai

Rahul Yadav

उर्दू भाषा को पुराने समय से ही शायरी और नग़मो में इस्तेमाल किया जाता रहा है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि उर्दू भाषा की लिपि क्या है? तथा उर्दू भाषा की उत्पत्ति किस भाषा से हुई और उर्दू भाषा का इतिहास क्या है?

शायरी और नग़मो के अलावा उर्दू भाषा को भारत के कई राज्यों में भी बोला जाता है। उर्दू भाषा भारत की शासकीय भाषा में से एक है। भारत में उर्दू भाषा का इस्तेमाल सदियों पहले से होता आ रहा है। आज के इस लेख में आप जानेंगे कि उर्दू भाषा की लिपि क्या है? लेकिन इससे पहले यह जानने की आवश्यकता है की लिपि किसे कहते हैं और उर्दू भाषा क्या है?

उर्दू भाषा की लिपि क्या है?

वैसे तो उर्दू भाषा की लिपि नास्तालीक को कहा जाता है नताली लिपि फारसी और अरबी भाषा का एक रूप है इसलिए उर्दू भाषा को नास्तालिक लिपि में दाएं से बाई और लिखा जाता है।

नास्तालिक लिपि की शुरुआत ईरान में हुई थी लगभग 14वी-15 वी शताब्दी में इस लिपि का जन्म हुआ था इसे इस्लामिक लेखन पद्धती भी माना जाता है इस लिपि उपयोग अरबी भाषा के लिखने में भी किया जाता है।

ज्यादातर इस लिपि का इस्तेमाल ईरान, दक्षिण एशिया और तुर्की के क्षेत्रों में किया जाता है।

आइए यह जानते हैं कि उर्दू भाषा क्या है और इसकी शुरुआत कहां से हुई।

उर्दू भाषा क्या है?

उर्दू भाषा को भारत में शासकीय भाषा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है उर्दू भारत के जम्मू कश्मीर राज्य की राजकीय भाषा भी है। उर्दू भारत का हिस्सा रह चुके पाकिस्तान देश की राष्ट्रीय भाषा भी है। जम्मू कश्मीर के अलावा यह है भारत के अन्य राज्यों जैसे बिहार तेलंगाना उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी शासकीय भाषा के रूप में इस्तेमाल की जाती है।

माना जाता है कि उर्दू में हिंदी आर्य भाषा है। आर्य भाषा में वे भाषाएं आती हैं जिनका निर्माण संस्कृत भाषा से हुआ है। हिंदी पंजाबी भाषा का निर्माण भी संस्कृत भाषा से ही हुआ है।

उर्दू भाषा में संस्कृत के तत्सम शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया गया बल्कि हल्बी भाषा और संस्कृत के तद्भव शब्दों का ज्यादा इस्तेमाल किया गया है। आइए अब यह जानते हैं कि वह तो भाषा की शुरुआत या उत्पत्ति किस भाषा से हुई?

उर्दू भाषा की शुरुआत किस भाषा से हुई?

मूल रूप से उर्दू भाषा की उत्पत्ति तुर्की भाषा को माना जाता है इसका अर्थ होता है “शाही शिविर” या “खेमा”

जब तुर्क भारत में आए तो उर्दू शब्द भी उन्हीं के साथ भारत में आया था जिस समय शाहजहां ने लाल किले का निर्माण करवाया तो उसका नाम “उर्दू ए मुअल्ला” रखा गया था इसका अर्थ होता है एक शाही या सैनी पड़ाव। यहां पर बोली जाने वाली भाषा को “ज़बान ए उर्दू ए मुअल्ला” कहा जाता था।

मोहम्मद हुसैन आजाद का मानना है कि उर्दू भाषा की उत्पत्ति बज्र भाषा से हुई। अपनी किताब आब ए हयात में उन्होंने लिखा है कि “हमारी भाषा बज्र भाषा से निकली है”।

वर्तमान समय में भारत में कुल 5.07 करोड़ लोग उर्दू भाषा को बोलचाल में इस्तेमाल करते हैँ।

उर्दू भाषा की उपभाषाएं।

उर्दू भाषा की कई एक भाषाएं हैं जैसे- खड़ी बोली, रेख्ता, दक्खीनी तथा हिंदी। उर्दू भाषा को लगभग हिंदी भाषा के व्याकरण की तरह ही लिखा जाता है। 

उर्दू भाषा में लिखे जाने वाले साहित्य:-

उर्दू भाषा का साहित्य बहुत ही बड़ा है। अमीर खुसरो उर्दू भाषा के वाक्यों में से एक माना जाता है। उर्दू भाषा के बहुत से लेखक और साहित्यकार रहें हैँ जिन्होंने उर्दू भाषा का इस्तेमाल करते हुए साहित्य लिखा।

सर्वप्रथम उर्दू साहित्य की रचना वली औरंगाबादी द्वारा की गई। ऐसा माना जाता है कि जब वर्ष 1648 में दिल्ली में शाहजहां द्वारा शाहजंहानाबाद बसाया गया तब से ही राज दरबारों में फारसी के साथ-साथ “ज़बान-ए-उर्दू-ए-मुअल्ला” है में भी रचनाएं होना शुरू हो गई।

उर्दू भाषा के साहित्यकार और कवि

उर्दू भाषा को अमीर खुसरो द्वारा हिंदी, हिंदवी तथा ज़बान-ए- देहलवी कहां गया तथा दक्षिण एशिया के कुछ लेखकों ने उर्दू भाषा को ज़बान-ए-अहले हिंदुस्तान भी कहा है।

अमीर खुसरो भी उर्दू भाषा के कवि और शायर थे वह भी उर्दू भाषा में ही साहित्य की रचना करते थे। अमीर खुसरो 14 वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध शायर और कवि माने जाते हैं।

उर्दू के सबसे मशहूर लेखक मोहम्मद हुसैन आजाद भी रहे जिनकी एक रचना “आबे हयात” बहुत ही मशहूर हैं।

मीर तकी मीर साहब को 18वीं सदी और मुगल काल के प्रसिद्ध उर्दू कवि माना जाता है और इन्हें कविताओं का भगवान भी कहा जाता है।

उर्दू भाषा का महत्व

वर्तमान समय में उर्दू भाषा का बहुत महत्व है इसे भारत के अलावा और अन्य देशों में भी इस्तेमाल किया जाता है उर्दू भाषा को भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान  आदि देशों के अलावा ब्रिटेन, सऊदी अरब, कतर, कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात में भी इस्तेमाल किया जाता है उर्दू भाषा को इस्तेमाल भारत में तहज़ीब की भाषा कहा गया है।

एक आंकड़े के अनुसार 

पाकिस्तान – 1.87 करोड़

बांग्लादेश – 6.5 लाख

संयुक्त अरब अमीरात – 6 लाख

ब्रिटेन – 4 लाख

सऊदी अरब अमीरात – 6 लाख

कनाडा- 80895

कतर  – 15000  लोगों द्वारा उर्दू भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।

निष्कर्ष:-

आज हाथ के इस लेख “उर्दू भाषा की लिपि क्या है” मैं आपने जाना कि उर्दू भाषा की शुरुआत कहां से हुई? तथा उर्दू भाषा का इतिहास क्या है? साथ ही इस लेख में उर्दू भाषा की लिपि से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी दी गई है। यदि आप इस लेख से संबंधित किसी प्रकार का कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। उम्मीद है आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। 

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