Sangya kise kahate hain यह प्रश्न हिंदी व्याकरण का सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न होता है और संज्ञा के बारे में विद्यार्थियों को छोटी कक्षा में ही पढ़ा दी जाती है लेकिन इसके बावजूद कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो कक्षा में पढ़ाए गए पाठ को सही तरह से समझ नहीं पाते और फिर वह इंटरनेट के माध्यम से उसी सवाल को सर्च करके समझने की कोशिश करते हैं और इसी वजह से हमने सोचा क्यों ना आज इस लेख के जरिए विद्यार्थियों को sangya kise kahate hain bataye ताकि उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा का सबसे महत्वपूर्ण विषय है इसलिए इस विषय को समझना बहुत जरूरी होता है आज इस लेख को पढ़्कर विद्यार्थिय इसे समझने की कोशिश करें ताकि आने वाले परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त हो सके आज के इस लेख में हम जानेंगे कि संज्ञा किसे कहते हैं (sangya kise kahate hain in Hindi) और संज्ञा के कितने भेद हैं।
संज्ञा किसे कहते हैं
संज्ञा को समझना बेहद आसान है क्योंकि संज्ञा की परिभाषा हिंदी व्याकरण की सबसे आसान परी भाषाओं में से एक है किसी भी वस्तु स्थान व्यक्ति गुण प्राणी जाति भाव इत्यादि के नाम को संज्ञा कहा जाता है संज्ञा को और अच्छे से समझाने के लिए हम यहां आपको कुछ उदाहरण देते हैं जैसे कि –
किताबें चौकी जयपुर दिल्ली तेंदुलकर सलमान खान तोता शुतुरमुर्ग मानव, जानवर जलन प्यार दुखी चतुराई, ईमानदारी आदि।
ऊपर बताए गए शब्दों यानी कि किसी के प्रति भाव गुण आदि को प्रकट करना यह किसी स्थान वस्तु या व्यक्ति का नाम बताना सी संज्ञा है।
संज्ञा के भेद
संज्ञा खासकर 5 तरह के होते हैं। नीचे हम पांचों भेदों के नाम बता रहे हैं और साथ ही इन पांचों भेदों की परिभाषा भी बताएंगे।
1 . व्यक्तिवाचक संज्ञा
2 . भाववाचक संज्ञा
3 . जातिवाचक संज्ञा
4 . द्रव्यवाचक संज्ञा
5 . समूहवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते है
जहां किसी विशेष व्यक्ति वस्तु या स्थान के बारे में बताया जाए उसे संज्ञा कहते हैं यानी की वैसे शब्द जो किसी खास व्यक्ति अस्थान या वस्तु के बारे में बताते हैं उन्हें ही संज्ञा कहा जाता है जैसे पुस्तक कलम कुर्सी आदि वस्तुएं है तथा मुंबई आदि स्थान इसी तरह महात्मा गांधी पूजा धोनी आदि किसी व्यक्ति का नाम है इस बात को और अच्छी तरह से समझने के लिए हम यहां कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जैसे कि
धोनी एक अच्छा बल्लेबाज है, महात्मा गांधी को बापू कहा जाता है,, यह किताबे मेरी है।
ऊपर बताए गए वाक्यों में धोनी महात्मा गांधी किताबे संज्ञा है क्योंकि यह किसी विशेष व्यक्ति स्थान या वस्तु के बारे में बता रहा है।
भाववाचक संज्ञा किसे कहते है
जहां किसी व्यक्ति वस्तु या स्थान के गुण दोष आदि के बारे में बताया जाए उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं जैसे खुशी बुढ़ापा घबराहट इमानदारी आदि इसे और बेहतर तरीके से समझने के लिए हम यहां कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जैसे कि
श्याम बहुत ईमानदार लड़का है, पूज के नाना बूढ़े हो गए हैं।
ऊपर बताए गए वाक्यों में ईमानदार खुश बूढ़े आदि किसी विशेष व्यक्ति या स्थान के भाव को प्रकट कर रहे हैं इसे ही भाववाचक संज्ञा कहा जाता है।
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते है
जब भी कोई मुख्य व्यक्ति वस्तु स्थान या प्राणी के बारे में कोई बात ना कहकर पूरी जाति वर्ग या श्रेणी के बारे में कहा जाए तो उसे ही जातिवाचक संज्ञा कहते है जैसे कि सांप पहाड़ देश नदियां कुत्ता पक्षी आदि इसे और बेहतर तरीके से समझने के लिए हम यहां कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जैसे कि
किताबे मेज पर रखी है,वह गाँव कितना खुबसूरत है, उस तालाब/नदी का पानी कितना साफ है।
ऊपर बताए गए वाक्यों में, किताबे, गाँव और तालाब जातिवाचक संज्ञा है क्योंकि वह कोई विशेष व्यक्ति वस्तु या स्थान के बारे में नहीं बता रहा बल्कि वह पूरी जाति, समुदाय या श्रेणी वर्ग के बारे में बात कर रहा है यदि हम नदी के जगह किसी विशेष नदी का नाम लिखते तो वह व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आता परंतु यहां हम किसी विशेष तालाब या नदी का नाम ना लिखकर कोई भी तलाब या नदी के बारे में बात कह रहे है इसलिए यह जातिवाचक संज्ञा होगा।
द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते है
जब किसी तरल पदार्थ के बारे में कोई बात किया जाता है अर्थात् जिसे हम आसानी से नाप या तौल सकते हैं या फिर उसे गिन सकते हैं तो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है जैसे की दाल चावल सोना लकड़ी तेल पनी सोना आदि द्रव्यवाचक संज्ञा को और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए हम यहां कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जैसे कि
वह सोने की चूड़ियां बेहद खूबसूरत है, चाय में चीनी ज्यादा है, राम को केला पसंद है
ऊपर बताए गए वाक्यों में सोना चीनी केला आदि द्रव्यवाचक संज्ञा है क्योंकि इन्हें आसानी से गिना व ताला जा सकता है जैसे सोने को कैरेट में नाप सकते हैं तेल को लीटर में और केला को दर्जन के अनुसार नापा जा सकता है।
समूहवाचक संज्ञा किसे कहते है
जब एक ही तरह के व्यक्ति या वस्तु आदि के समूह का बोध होता है तो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं यानि जब भी किसी वाक्य में कोई बहुत बड़ा समुदाय या संस्थान की बात की जाती है जहां बहुत सारी वस्तु या लोग इकट्ठे हो तो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं जैसे कि भीड़ सेना दल परिवार झुंड गुच्छा कक्षा आदि समूहवाचक संज्ञा को और बेहतर ढंग से समझने के लिए हम यहां कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं
ट्रैफिक सिग्नल पर अक्सर भीड़ जमा होती है, फूलों का गुच्छा बेहद खूबसूरत लग रहा है, दीपक का परिवार अच्छा है।
ऊपर बताए गए वाक्यों में भीड़ गुच्छा परिवार किसी इकट्ठे लोगों यह वस्तु की बात कर रहे हैं जहां एक से ज्यादा लोग या वस्तु मौजूद हो उसे ही समूहवाचक संज्ञा कहा जाता है।
अन्तिम शब्द
मुझे उम्मीद है कि आज का यह लेख sangya kise kahate hain आप सब को बेहद पसंद आया होगा लेकिन यदि अभी आपको इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न पूछने हैं तो आप नीचे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं हम आपके सवालों के जवाब देने के लिए प्राया तत्पर है इसके अलावा यदि आपको या लेख फायदेमंद लगी है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी ज्ञान प्राप्त हो सके।