प्रत्यय किसे कहते हैं । प्रत्यय के भेद, परिभाषा, उदाहरण

Rahul Yadav

प्रत्यय हिंदी व्याकरण का एक ऐसा विषय है जिसका उपयोग सभी हिंदी भाषी लोग करते हैं, परंतु जानते बहुत कम लोग हैं। हम इस पोस्ट में “प्रत्यय किसे कहते हैं और प्रत्यय के कितने भेद हैं”? इसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

प्रत्यय की परिभाषा: वे शब्द जो किसी मूल शब्द के अंत में जुड़ कर उस मूल शब्द का अर्थ बदल देते हैं वह प्रत्यय कहलाते हैं। प्रत्यय अविकारी शब्दांश होते हैं जो शब्दों के बाद में जोड़े जाते हैं। कभी-कभी प्रत्यय लगाने से अर्थ में कोई बदलाव नहीं होता है। प्रत्यय दो शब्दों से मिलकर बना है प्रति+अय। प्रत्यय का अर्थ होता है साथ में पर बाद में चलने वाला। इस प्रकार अगर हम देखें तो प्रत्यय का अर्थ हुआ शब्दों के साथ पर बाद में चलने वाला या लगने वाला शब्दांश।

आइए अब हम कुछ उदाहरण पर नजर डालते हैं:-

दया+लु= दयालु

होन+हार= होनहार

गाड़ी+वाला = गाड़ी वाला

लेन+दार= लेनदार

नाटक+कार= नाटककारलोहा+आर= लुहार

मीठा+आस= मिठास

सुगंध+इत= सुगंधित

भूलना+अक्कड़ =भुलक्कड़

घट+इया= घटिया

आइए अब हम प्रत्यय के प्रकार या भेदों को उदाहरण सहित  प्रस्तुत करते हैं।

प्रत्येक के दो भेद होते हैं:-

• कृत प्रत्यय

• तद्धित प्रत्यय

कृत प्रत्यय- क्रिया या धातु के अंत में प्रयुक्त होने वाले प्रत्यय को कृत प्रत्यय कहते हैं। कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों के कृदंत कहते हैं। आइए अब कृत प्रत्यय के उदाहरण जान लेते हैं:-

पाठ+अक= पाठक

घट+ना= घटना

तुल+ना= तुलना

पूज+नीत= पूजनीय

झू+ला= झूला

सिल+आइ= सिलाई

पढ+आइ= पढाई

थक+आन= थकान

हर+इ= हरि

बढ+इया= बढ़िया

आइए अब हम कृत प्रत्यय के भेदों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

कृत प्रत्यय के कुल 6 भेद होते हैं:-

• कृत वाच्य कृत प्रत्यय

• विशेषण वाचक कृत प्रत्यय 

• भाववाचक कृत प्रत्यय

• कर्म वाचक कृत प्रत्यय 

• करण वाचक कृत प्रत्यय 

• क्रिया वाचक कृत प्रत्यय

कृत वाचक कृत प्रत्यय-  जिस प्रत्यय से बने शब्द से कर्ता का पता चलता है अर्थात कार्य करने वाले का पता चले वह कृत वाचक कृत प्रत्यय कहलाता है। उदाहरण के लिए:-

आकू= पढ़ाकू, दयालु, कृपालु

अक= नायक ,गायक ,पाठक ,सेवक

अक्कड= भुलक्कड़, पियक्कड़, घुमक्कड़

एरा= लूटेरा, बसेरा, सपेरा

हार= पालनहार, खेवनहार, तारणहार

विशेषण वाचक कृत प्रत्यय- जिन प्रत्यय के क्रिया पदों से विशेषण शब्द की रचना होती है उसे हम विशेषण वाचक कृत पत्यय कहते हैं।

उदाहरण के लिए:-

त= आगत, विगत, कृत

य= नृत्य पूज्य, खाद्य

तव्य= कर्तव्य, गंतव्य

भाव वाचक कृत प्रत्यय- वे प्रत्यय जो, क्रिया से भाव वाचक संज्ञा का निर्माण करते हैं उन्हें हम भाव वाचक प्रत्यय कहते हैं। उदाहरण के लिए:-

अन= मिलन , लेखन लेखन, गमन गमन, पठन

आवट= थकावट,बनावट सजावट, रुकावट 

कर्मवाचक कृत प्रत्यय- कर्म बोधक शब्दों का निर्माण करने के लिए जो प्रत्येक धातु के अंत में जोड़ते हैं उन्हें  कर्म वाचक कृत प्रत्यय कहते हैं। जैसे:- 

कहानी, चटनी, खिलौना, बिछौना, गाना, खाना, दाना। 

करणवाचक कृत प्रत्यय- कर्म के साधन या फिर माध्यम का बोध कराने के लिए जो धातु के अंत में जोड़ते हैं उन्हें करणवाचक कृत प्रत्यय कहते हैं। जैसे:- 

झूला, मेला, डेरा, लेखनी, छलनी, कतरनी। 

क्रियावाचक कृत प्रत्यय-क्रियावाचक कृत प्रत्यय ऐसे प्रत्यय होते हैं जो के होने का भाव बोध कराते हैं। जैसे:- चलता, खेलता, रहता, पाया, खोया, बैठक ,दौड़ना, सोना, मारना। 

प्रत्यय की परिभाषा उदाहरण और पहले भेद के बाद अब हम प्रत्यय के दूसरे भेद यानी तद्धित प्रत्यय के बारे में जानेंगे। 

तद्धित प्रत्यय- तद्धित प्रत्यय ऐसे प्रत्यय होते हैं जो क्रिया के अलावा सर्वनाम विशेषण और संज्ञा शब्दों के साथ भी जोड़ते हैं ताकि नए शब्दों का निर्माण कर सकें। तद्धित प्रत्यय के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:- 

मम+ता=ममता 

एक+ता=एकता 

पराया+पन=परायापन 

मानव+ता=मानवता 

बड़ा+आई=बड़ाई

सुंदर+ता=सुंदरता 

लड़क+पन=लडकपन 

देव+ई=देवी

तद्धित प्रत्यय के भेद कुछ इस प्रकार है:- 

• कृतवाचक तद्धित प्रत्यय 

• भाववाचक तद्धित प्रत्यय 

• गुणवाचक तद्धित प्रत्यय 

• अपव्यवाचक तद्धित प्रत्यय 

• सम्बंधवाचक तद्धित प्रत्यय 

• ऊनतावाचक  तद्धित प्रत्यय    

• स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय

कृतवाचक तद्धित प्रत्यय- जिस प्रत्यय को जोड़ने से कार्य किसने किया है उसका बोध हो या सर्वनाम् संज्ञा और विशेषण के अंत मे जुड़ने वाले प्रत्यय को कृतवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैंं। उदाहरण के लिए:- वाला- सब्जीवाला, टोपीवाला, घरवाला, गाड़ीवाला, पानवाला।

दार- समझदार, ईमानदार, कर्जदार, दुकानदार।

ई- तेली, रोगी, मनोरोगी।

क- पाठक, लेखक, दर्शक।

भाववाचक तद्धित प्रत्यय- वे प्रत्यय जो संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के साथ जुड़कर भाववाचक संज्ञा बनाते हैं उन्हें भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।

उदाहरण के लिए:-

पन- लड़कपन, बचपन,छुटपन

आस- खटास, मिठास 

आपा- बुढ़ापा स्यापा

इमा- गरिमा, पूर्णिमा ,लालिमा

त्व- मनुष्यत्व पशुत्व बंधुत्व

गुणवाचक  तद्धित प्रत्यय- जिन प्रत्ययो के प्रयोग से पदार्थ के गुणों का बोध होता है उसे गुणवाचक प्रत्यय कहते हैं। उदाहरण के लिए:-

वान- गुणवान, बलवान, धनवान

ईय- भारतीय, राष्ट्रीय, नाटकीय

अपव्ययवाचक तद्धित प्रत्यय-  वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़कर संतान बोधक शब्दों का निर्माण करते हैं उन्हें अपव्ययवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।

उदाहरण के लिए:-

ई- द्रौपदी, जानकी ,मैथिली

इ- मारुति, सारथी ,बाल्मीकि

एय- कौंतेय, गंगेय, आंजनेय

आयन- कात्यायन, वात्सायन

संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय- वे प्रत्येक जो किसी भी संज्ञा सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जुड़ कर संबंधबोधक शब्दों का निर्माण करते हैं उन्हें हम संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। उदाहरण के लिए:-

एरा- चचेरा ,मौसेरा, ममेरा

इक- मानसिक, शारीरिक, आत्मिक

जा- भांजा ,भतीजा,आत्मजा

आल- घड़ियाल, ससुराल, कंकाल 

उन्नतावाचक तद्धित प्रत्यय- वे प्रत्यय जो किसी भी शब्द के अंत में जुड़कर लघुता का बोध कराते हैं उसे हैं उन्नता वाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। उदाहरण के लिए:-

डी- पंखुड़ी, कंकड़ी

ओला- खटोला ,सपोंला ,झिंगोला

इया- घटिया ,डिबिया, लुटिया

ई्- प्याली ,नाली ,बाली

स्त्री वाचक तद्धित प्रत्यय-  जिन प्रत्ययो से हमें उसके, स्त्रीलिंग होने का बोध होता है वह तद्धित प्रत्यय स्त्री वाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। उदाहरण के लिए:-

इन- मालिन, कुम्हारीन ,जोगिन

आनी- सेठानी, देवरानी, जेठानी

नी- जाटनी, भटनी, शेरनी

इनी- कमलिनी, नंदिनी

अंतिम विचार 

आज हमने प्रत्यय की परिभाषा और उसके भेदों के बारे में सारी जानकारी देने का प्रयास किया है अगर आपको यह पसंद आया तो कृपया कमेंट करें और शेयर करना ना भूले।

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Rahul Yadav is a Digital Marketer based out of New Delhi, India. I have built highly qualified, sustainable organic traffic channels, which continue to generate over millions visitors a year. More About ME

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