क्रिया विशेषण किसे कहते है : व्याकरण हिंदी का एक अभिन्न अंग है। हम सभी बहुत ही सरलता से हिंदी बोल लेते हैं लेकिन अगर हम इस की गहराइयों में जाएं तो हम जानेंगे कि यह भाषा जितनी सहज बोलने में लगती है उतनी असल में है नहीं। लेकिन यह भी जरूरी है कि हिंदी के बारे में गहराई से जानने पर ही हम इसे और अच्छी तरह से समझ पाएंगे। बिना व्याकरण तो जाने हम कभी भी किसी भाषा को अच्छी तरह से नहीं समझ सकते। हिंदी में भी व्याकरण को एक महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है। व्याकरण की वजह से ही हिंदी भाषा को शुद्ध रूप मिलता है। व्याकरण के माध्यम से ही हम हिंदी को शुद्ध रूप से लिख पाते हैं और शुद्ध रूप से बोल पाते हैं। आज हम हिंदी व्याकरण के एक ऐसे ही महत्वपूर्ण भाग्य “क्रिया” के बारे में पढ़ने जा रहे हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको क्रिया के बारे में सभी महत्वपूर्ण बातें बताएंगे।
क्रिया किसी शब्द वाक्य में किसी कार्य के होने का बोध कराते हैं। क्रिया के माध्यम से ही हमें यह पता चलता है कि बोले जा रहे हैं वाक्य में कुछ काम हो रहा है। क्रिया का ही अन्य पाठ होता है क्रिया विशेषण। क्रिया विशेषण शब्द वाक्य में क्रिया के साथ होता है और क्रिया की विशेषता का आभास कराता है। आज के आर्टिकल में हम आपको क्रिया एवं क्रिया विशेषण के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। आज हम आपको क्रिया विशेषण और क्रिया के प्रकार या भेद के बारे में विस्तार से बताएंगे। तो चलिए शुरू करते हैं-
क्रिया विशेषण किसे कहते हैं? (kriya visheshan kise kahate hain)
वाक्य में वह शब्द जो वाक्य में उपस्थित क्रिया की विशेषता बताते हैं। उन शब्दों को क्रिया विशेषण कहा जाता हैं।
क्रिया विशेषण के कुछ उदाहरण हो सकते हैं- तेज धीमे या ऊपर नीचे इत्यादि।
क्रिया विशेषण का इस्तेमाल वाले वाक्य के उदाहरण-
- गाड़ी तेज गति से चलती है।
- राम बहुत धीमे चलता है।
- चिड़िया ऊपर उड़ती है।
- श्याम नीचे गिर गया।
ऊपर उदाहरण के तौर पर दिए गए वाक्यों में चलना, उड़ना, और गिरना क्रिया है। लेकिन इसके विशेषण शब्द जैसे तेज , धीमे , ऊपर , नीचे आदि क्रियाओं की विशेषता प्रकट कर रहे हैं। अतः यह क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
क्रिया विशेषण के कितने भेद होते हैं
क्रिया विशेषण को 3 आधार के अंतर्गत विभाजित किया गया है। यह है –
- प्रयोग के आधार पर
- रूप के आधार पर
- अर्थ के आधार पर
प्रयोग के आधार पर क्रिया विशेषण के कितने भेद होते हैं
प्रयोग के आधार पर भी क्रिया विशेषण को तीन भागों में बांटा गया है। यह निम्न प्रकार है-
- साधारण क्रिया विशेषण
- संयोजक क्रिया विशेषण
- अनुबंध्द क्रिया विशेषण
साधारण क्रिया विशेषण किसे कहते हैं
साधारण क्रिया विशेषण वाक्य में स्वतंत्र रूप से प्रयोग होते हैं।
साधारण क्रिया विशेषण के प्रकार हैं- अरे, हाय, ओं इत्यादि।
साधारण क्रिया विशेषण का वाक्य में उदाहरण-
- अरे! यह तुम क्या कर रहे हो?
- हाय! तुम कितने बदल गए हो!
ऊपर बताए गए दोनों वाक्यों में अरे और हाय को स्वतंत्र रूप से वाक्य में लिया गया है इसलिए यह साधारण क्रिया विशेषण है।
संयोजक क्रिया विशेषण किसे कहते हैं?
ऐसे क्रिया विशेषण जिनका उपयोग किसी वाक्य में दूसरे उपवाक्य को जोड़ने के लिए या उसके संबंध में किया जाता है उन्हें संयोजक क्रिया विशेषण कहते हैं।
साधारण क्रिया विशेषण का वाक्य में प्रयोग-
- जब तुम छोटे थे, तब बहुत मस्ती किया करते थे।
- जब तुम हंसते हो तो बहुत अच्छे लगते हो।
ऊपर दिखाएगा दोनों वाक्यों में जब शब्द का प्रयोग उपवाक्य के संबंध में किया गया है। अतः यह संयोजक क्रिया विशेषण है।
अनुबंध्द क्रिया विशेषण किसे कहते हैं?
ऐसे शब्द जो किसी वाक्य में किसी निश्चित घटना होने का बोध कराते हैं उन्हें अनुबंध क्रिया विशेष कहा जाता है।
अनुबंध क्रिया विशेषण का वाक्य में प्रयोग –
- मंत्री जी के आने भर की देर है।
- तुम्हारे आते ही सब खुश हो गए।
ऊपर दिए गए दोनों उदाहरणों में भर की और आते ही शब्द घटना के होने की निश्चितता का प्रमाण दे रहे हैं और इसलिए यह शब्द अनुबंध्द क्रिया विशेषण शब्द कहलाते हैं।
इसके अलावा रूप के आधार पर और अर्थ के आधार पर भी क्रिया विशेषण के प्रकार होते हैं।
रूप के आधार पर क्रिया विशेषण के प्रकार-
रूप के आधार पर क्रिया विशेषण के तीन भेद होते हैं। यह है-
- मूल क्रिया विशेषण – मूल क्रिया विशेषण वह शब्द होते हैं जिनके होने से ही शब्द को सार्थकता प्राप्त होती है यदि इन शब्दों को निकाल दिया जाए तो वाक्य का कुछ मतलब नहीं निकलेगा। मूल क्रिया विशेषण के उदाहरण हैं- ठीक, ऊपर, निचे, फिर, नहीं आदि।
- यौगिक क्रिया विशेषण – यह वाक्य में प्रयोग होने वाले वह क्रियाविशेषण होते हैं जो किसी शब्द का प्रत्यय या पद लगाकर बने होते हैं। योगिक क्रिया विशेषण के उदाहरण हैं- रातभर, प्रेमपूर्वक, चुपके, दुसरे, जागते इत्यादि।
- स्थानीय क्रिया विशेषण- यह ऐसे शब्द होते हैं जो अपना रूप बदले बिना वाक्य में किसी विशेष स्थान पर आते हैं। यह किसी भी प्रकार के शब्द हो सकते हैं इन्हें किसी खास उदाहरण की जरूरत नहीं।
अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के प्रकार-
अर्थ के आधार पर क्रिया विशेषण के चार प्रकार होते हैं। यह निम्न प्रकार है-
- स्थानवाचक क्रिया विशेषण- यह ऐसे शब्द होते हैं जो वाक्य में घटना के घटित होने के स्थान का बोध कराते हैं। स्थान वाचक क्रिया के उदाहरण हैं ऊपर, निचे, दूर, पास, भीतर, बाहर, आमने, सामने इत्यादि।
- कालवाचक क्रिया विशेषण- ऐसे शब्द जिनसे क्रिया के होने का समय पता चलता है उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। कालवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण हैं- आज, कल, प्रतिदिन, लगातार, बार-बार, तब, अब, जब, तभी इत्यादि।
- परिणामवाचक क्रिया विशेषण- यह ऐसे क्रिया विशेषण शब्द होते हैं जिनके माध्यम से जिससे क्रिया की मात्रा, पैमाना, परिमाण या संख्या का पता चलता है। परिणाम वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण है- ज्यादा, थोड़ा, पर्याप्त, अधिक, सम्पूर्ण इत्यादि।
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण- जब किसी वाक्य में किसी क्रिया के खास प्रकार की रहती है उसकी करने के तरीके का बोध होता है तो वह रीति वाचक क्रिया कहलाता है। रीतिवाचक क्रिया विशेषण शब्द के उदाहरण: ध्यानपूर्वक, तेज, धीरे-धीरे, अवश्य, कदाचित, फटाफट इत्यादि।
अन्तिम शब्द
तो दोस्तों आज के आर्टिकल में हमने आपको क्रिया के बारे में और इनके भेदो के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उम्मीद करते हैं कि अब आप यह जान गए होंगे की क्रिया के कितने प्रकार होते हैं। आशा करते हैं आपको आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा। धन्यवाद।