Directions name in Hindi and English बचपन से हमें यही बताया गया है कि direction 4 होती हैं। पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण लेकिन यह सत्य नही है। असल में direction 10 होती हैं जो हमें आज तक बताया ही नहीं गया। इसलिए हमें हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार सभी direction के नाम का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। आज हम आपको इस लेख में Direction name in Hindi और English में बताने वाले हैं।
जैसा कि आप जानते ही होंगे कि सभी direction का अपना अलग अलग महत्व, कार्य और प्रभाव होता है तो इस प्रकार direction का भी हमारे जीवन पर अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं। अलग-अलग direction में प्रकाश का प्रभाव भी अलग-अलग तरह का होता है अगर हम direction को बिना समझे प्रकाश की प्रभाव में आते हैं तो वह हमारे लिए हानिकारक भी हो सकता है।
हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार direction की संख्या 10 मानी गई है। इसलिए हिंदू शास्त्र में दस direction का वर्णन किया गया है। इस अनुसार 10 direction ही होती है।
10 दिशाओं के नाम हिंदी में
4 दिशाओं के नाम In Hindi (cardinal directions)
1. पूर्व (East)
2. पश्चिम (West)
3. दक्षिण (South)
4. उत्तर (North)
इन 4 मुख्य दिशाओं के 4 उप-दिशाएँ भी होती हैं,
जो इस प्रकार है।
5. उत्तर-पश्चिम (North West)
6. उत्तर-पूर्व (North East)
7. दक्षिण-पश्चिम (South West)
8. दक्षिण-पूर्व (South East)
इसके अलावा और 2 दिशाएं होती हैं।
9. ऊर्ध्व (ऊपर की ओर)
10. अधो (नीचे की ओर)
तो इस प्रकार कुल मिलाकर मुख्य रूप से 10 दिशाएं होती हैं।
दिशा के नाम हिंदी और इंग्लिश में
1. East – पूर्व
2. West – पश्चिम
3. North – उत्तर
4. South – दक्षिण
5. North East – उत्तर-पूर्व
6. North West – उत्तर-पश्चिम
7. South East – दक्षिण-पूर्व
8. South West – दक्षिण-पश्चिम
9. Eastern – पूर्वी
10. Western – पश्चिमी, पाश्चात्य
11. Northern – उत्तरी
12. Southern – दक्षिणी
13. Left – बाएँ
14. Right – दाएँ
15. Up – ऊपर
16. Down – नीचे
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशाओं (direction) के प्रभाव
पूर्व (East)
हिंदू धर्मशास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा की ओर घर का निर्माण करना बेहद अच्छा माना जाता हैं। यह हमारे ऐश्वर्य आदि को बढ़ाती है। घर का निर्माण करते समय इस दिशा में अधिक से अधिक स्थान खुला रखना ठीक होता हैं। दरवाजे और खिड़कियां भी ज्यादातर इसी दिशा में खुला होना चाहिए। बरामदा, बालकनी आदि इसी दिशा में होना चाहिए। अगर बच्चे इसी दिशा की तरफ मुंह करके पढ़ते हैं तो सफलता की प्राप्ति होती है।
पश्चिम (West)
यह दिशा बिल्कुल ऊर्जा के विपरीत है जितना हो सके इसे बंद रखना चाहिए। रसोईघर, टॉयलेट, बाथरूम इसी दिशा में होना ठीक माना जाता हैं।
उत्तर (North)
इस दिशा में घर का निर्माण करने से चुंबकीय तरंगों का घर में प्रवेश होता है जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। इसलिए इस दिशा में घर का निर्माण करना अशुभकारी माना जाता हैं लेकिन इस दिशा में बालकनी का निर्माण करना बेहद अच्छा माना जाता है। साथ ही अधिक से अधिक दरवाजे खिड़कियां और बरामदा भी इसी दिशा की ओर खुला होना लाभदायक होता हैं।
दक्षिण (South)
हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा अशुभकारी मना जाता है, लेकिन इसे अच्छा दिशा भी माना गया है। ऐसी दिशा में आमदनी और ऐश्वर्य की प्राप्ति कुछ सालों तक खूब होती है लेकिन कुछ टाइम बाद धन की प्राप्ति एकदम से रुक जाता है परिस्थितियां खराब होने लगती हैं। वृद्धि न के बराबर होती है जबकि खर्चा जाता बढ़ जाता है आर्थिक नुकसान बहुत होता है दक्षिण दिशा का प्रभाव बहुत ही हानिकारक होता है।
दिशा (direction) कैसेपताकरें
1. पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दिशा का ज्ञान करने के लिए आप तारों का सहायता भी ले सकते हैं। आपको पता ही होगा कि सर्वश्रेष्ठ तारों में ध्रुव तारा सबसे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ माना गया है। ध्रुव तारा की एक खासियत है कि यह हमेशा उत्तर दिशा की ही ओर दिखाई देता है। जिससे अंदाजा लगा सकता है कि दक्षिण-उत्तर और पूर्व-पश्चिम दिशा किस ओर है।
2. दिशाओ का पता लगाने के लिए आप सूर्य का भी सहायता ले सकते हैं सूर्योदय किस दिशा से हो रहा है इसका पता लगाकर सभी चार मुख्य दिशाओं का पता लगाया जा सकता है। अगर आप सूर्य उदय की ओर मुख करके खड़े होते हैं तो उधर पूरब होगा। आपके पीछे की ओर पश्चिम बाए हाथ की तरह उत्तर और दाएं हाथ की तरह दक्षिण होगा।
जानेंकिसदिशा (direction) केकौनहैंदेवता
शायद आपको मालूम नहीं होगा लेकिन यह बात 100% सच है। हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार प्रत्येक दिशा का एक देवता होता है जो अपने अपने दिशाओं का रक्षा करते हैं। जिन्हें हम शक्ति स्वरूप भी कर सकते हैं।
पूर्वदिशा
देवराज इंद्र जो स्वर्ग के अधिपति है उनकी आज्ञा से सूर्य प्रत्यक्ष रूप से संपूर्ण विश्व को उर्जा और रोशनी देने का कार्य करते हैं। इसलिए सूर्य पूर्व दिशा के स्वामी है।
पश्चिमदिशा
जल तत्व का स्वामी पवन देवता को कौन नहीं जानता। पूरे विश्व में जहां जहां वर्षा होता है। उसे रोकने और वर्षा करने का कार्य यही करते हैं। इनकी कृपा से लोगों को समृद्धि एवं पारिवारिक सुख की प्राप्ती होती है।
उत्तरदिशा
कुबेर जो धन के देवता हैं इनको कौन नहीं जानता इनकी दया जिस किसी पर होती है वह धनवान और कीर्तिमान बन जाता है। उसको किसी चीज का कमी नहीं होता।
दक्षिणदिशा
आप सभी लोग जानते ही होंगे कि यमराज मृत्यु देने का कार्य करते हैं जो मृत्यु के देवता भी हैं जिन्हे लोग धर्मराज भी कहते है। इनकी प्रशंसा से लोगो को सफलता खुशियां शांति और धन की प्राप्ति होती है।
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पूर्वदिशा
पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भोजन करने से मानसिक तनाव दूर होता है साथ ही सभी लोगों से निजात मिलता है। अगर आपका शरीर बार-बार बीमार पड़ता हैं तो वह भी ठीक हो जाता है शरीर में स्फूर्ति आने लगता है।
पश्चिमदिशा
इस दिशा में बैठकर भोजन करने से दिमाग को शक्ति प्रदान होता है इसलिए यह दिशा बेहद अच्छी मानी गई है।
अगर आप कोई नौकरी करते हो या आपका कोई बिजनेस है तो आपको इस दिशा में बैठकर भोजन करना आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
उत्तरदिशा
अगर व्रत व्यक्ति इस दिशा में बैठकर भोजन करें तो उसे धन,विद्या के साथ-साथ आध्यात्मिक शक्ति का भी लाभ मिलता है। अगर आप अपने कैरियर को लेकर चिंतित रहते हैं या आप अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो इस दिशा में भोजन करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है।
आखिरीशब्द
मैं आशा करता हूं कि आपको हमारा यह direction name in Hindi and English बेहद पसंद आया होगा। अगर आपको direction नाम हिंदी और अंग्रेजी पढ़ने में अच्छा लगा तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।