आज के इस लेख में हम आपको यह बताने वाले हैं कि अव्यय किसे कहते हैं और के कितने भेद है जैसे कि हम सब जानते हैं अव्यय हिंदी व्याकरण के लिए सबसे महत्वपूर्ण अध्याय में से एक है जिसके बारे में बहुत कम लोग हैं जो जानते हैं इसलिए आज हम यहां अव्यय से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे तो चलिए देर किस बात की शुरू करते हैं और जानते हैं
अव्यय किसे कहते हैं
अव्यय उसे कहा जाता है जहां लिंग कारक वचन आदि के कारण किसी भी शब्द में कोई परिवर्तन ना हो इसे अविकारी शब्द भी कहा जाता है। यह शब्द कभी भी बदलते नहीं है। जैसे कि कब, बल्कि, अंदर, बाहर, आज किंतु, परंतु, आदि।
अव्यय के प्रकार
अव्यय के मुख्यता 5 प्रकार होते हैं जैसे कि
क्रिया विशेषण
समुच्चयबोधक
संबंधबोधक
विस्मयादिबोधक
निपात
क्रिया विशेषण किसे कहते हैं
हिंदी व्याकरण में कुछ ऐसे प्राप्त होते हैं जो क्रिया की विशेषता बताते हैं उन्हें ही क्रियाविशेषण कहा जाता है आइए इन्हें कुछ उदाहरण स्वरूप अच्छी तरह समझते हैं
उदाहरण
राधा धीरे धीरे खाना खाती है
सुरेश प्रतिदिन विद्यालय जाता है
चीता सबसे तेज दौड़ता है
ऊपर दिए गए तमाम वाक्यों में प्रतिदिन दौड़ना धीरे धीरे इत्यादि जैसे शब्द किसी ना किसी चीज की विशेषता को प्रकट कर रहे हैं इसीलिए इन शब्दों को क्रिया विशेषण कहा जा सकता है।
क्रिया विशेषण के चार भेद हैं
कालवाचक
स्थानवाचक
परिणामवाचक
रीतिवाचक
कालवाचक
वैसे शब्द जिनसे क्रिया यानी कोई भी कार्य के होने के बारे में बताया जाए उन्हें कालवाचक विशेष कहा जाता है। जैसे कि
राम प्रतिदिन पढ़ाई करता है
दिन भर कड़ी धूप रहती है
सीता आज घर आई थी
ऊपर दिए गए तमाम वाक्यों में आज, दिन भर, प्रतिदिन इत्यादि काल वाचक क्रिया विशेषण है। क्योंकि यह शब्द किसी कार्य के होने के बारे में बता रहे हैं।
स्थानवाचक
वैसे शब्द जो किसी के स्थान या दिशा के बारे में बताते हैं उन्हें धान वाचक विशेषण कहा जाता है जैसे कि
उधर कहां जा रहे हो
वहां आगे खाई है
दाएं बाएं देखकर गाड़ी चलाया करो
ऊपर दिए गए वाक्यों में उधर, कहां, वहां, दाएं- बाएं किसी भी स्थान या दिशा के बारे में बता रहे हैं। इसलिए इन्हें अस्थान वाचक क्रिया विशेषण कहा जाता है।
परिणामवाचक
वैसे शब्द जो किसी भी चीज के परिमाण या नाप- तौल के बारे में बताते हैं उन्हें परिणाम वाचक क्रिया विशेषण कहा जाता है जैसे कि
सृष्टि बहुत बुद्धिमान है
उतना ही बोलना चाहिए जितना जरूरी हो
बहुत तेज वर्षा हो रही है
ऊपर दिए गए वाक्यों में बहुत इतना तेज जैसे शब्द किसी के परिणाम आदि के बारे में बता रहे हैं। इसलिए इसे परिणाम वाचक क्रिया विशेषण कहा जाता है।
रीतिवाचक
वैसे शब्द जो किसी के रीति विधि या ढंग के बारे में बताएं उसे ही रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहा जाता है। जैसे कि अचानक से वर्षा होने लगी
रूपा फटाफट अपना होमवर्क पूरा कर लिया
पूजा जल्दी-जल्दी विद्यालय जा रही है
ऊपर दिए गए वाक्यों में फटाफट जल्दी-जल्दी अचानक जैसे शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण है।
समुच्चयबोधक किसे कहते हैं
वैसे शब्द जो दो वाक्यों को आपस में जोड़ने का कार्य करते हैं उन्हें ही समुच्चयबोधक अव्यय कहा जाता है। इसे और अच्छी तरह से समझने के लिए हम यहां कुछ उदाहरण बता रहे हैं, जैसे कि
उदाहरण
पूजा गा रही है और मीरा नाच रही है
राम बुरा लड़का है इसलिए लोग उसे पसंद नहीं करते
अगर तुम मेहनत करोगे तो जरूर सफल हो गए
ऊपर दिए गए वाक्यों में और इसलिए अगर दो वाक्यों को आपस में जोड़ रहे हैं इन्हें ही समुच्चयबोधक अव्यय कहा गया है।
समुच्चयबोधक अव्यय दो तरह के होते हैं
समानाधिकरण समुच्चयबोधक
व्यधिकरण समुच्चयबोधक
समानाधिकरण समुच्चयबोधक
वैसे शब्द जो सामान वाक्यों को आपस में मिलाते हैं, उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहा जाता है जैसे कि
मोहन और सोहन खाना बना रहे हैं
दीया और उसके दोस्त एक घर में रहते हैं
तुम यहां आए लेकिन बहुत देर से।
ऊपर दिए गए वाक्यों में और, लेकिन इत्यादि जैसे शब्द समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण है
व्यधिकरण समुच्चयबोधक
वैसे शब्द जो एक या उससे अधिक आश्रित उपवाक्य को प्रधान वाक्यों से मिलाने का कार्य करते हैं उन्हें व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहा जाता है जैसे कि
राम बीमार है इसलिए आज विद्यालय नहीं आएगा
यदि तुम बुरा ना मानो यहां से चले जाओ
मैंने आज जल्दी अपना काम खत्म कर लिया ताकि शाम में घूमने जा सकूं
ऊपर दिए गए वाक्यों में इसलिए यदि ताकि जैसे शब्द व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय उदाहरण है।
विस्मयादिबोधक किसे कहते हैं
वैसे शब्द इनसे वक्ता या लेखक के क्रोध या भाव प्रकट होते हैं उसे ही विस्मयादिबोधक अव्यय कहा जाता है इसे अच्छी तरह से समझने के लिए हमेशा कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जैसे कि
उदाहरण
हाय! यह कैसे हो गया
अरे! वहां से हटो वरना गिर जाओगे
छी: छी:! यह कितनी बुरी बात है
वाह! तुम कितनी सुंदर लग रही हो
ऊपर दिए गए वाक्यों में हाय अरे, छी: छी:, वाह जैसे शब्द दुख, खुशी, घृणा आदि को प्रकट कर रहे हैं इन्हें ही विस्मयादिबोधक अव्यय कहा जाता है। खासकर ध्यान रहे जिन शब्दों के पीछे विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का इस्तेमाल किया जाए उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं।
निपात किसे कहते है
वैसे शब्द जो वाक्यों में नवीनतम या चमत्कार उत्पन्न कर देते हैं यानी कि कुछ शब्द वाक्यों के अर्थ में कुछ विशेष बल लाते हैं उन्हें निपात अव्यय कहा जाता है इससे और अच्छी तरह से समझने के लिए हम यहां कुछ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जैसे कि
उदाहरण
राम जी ने ही रावण का वध किया था
प्रिया तुम तो कल आने वाली थी
मोहन क्या तुम भी कोलकाता जा रहे हो
ऊपर दिए गए वाक्यों में ही भी तो आदि जैसे शब्द निपात अव्यय के उदाहरण है।
अंतिम शब्द
दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आज के इस लेख अव्यय किसे कहते हैं आपको अच्छी तरह से समझ आ गया होगा यदि इसके बावजूद आपको इस लेख से संबंधित कोई सवाल पूछने हैं या अपनी राय प्रस्तुत करनी है तो नीचे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके बता सकते हैं और साथ ही यदि आपको यह लेख पसंद आया है और फायदेमंद लगा है तो इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को हिंदी व्याकरण से जुड़े महत्वपूर्ण अध्याय के बारे में थोड़ी जानकारी प्राप्त हो सके।